THE POOR FARMER AND THE MAGIC GOOSE…

Once upon a time, there was a poor farmer in Rampur village named as Ramdas.

  • His family lived in very poverty. Ramdas feel was very sad for his condition.
  • One day, he was booned with a magic goose.
  • The goose laid one Golden egg every day.
  • The farmer sold the Golden egg and bought things for his family. Soon they became very rich in some days.
  • Suddenly, a very wicked idea came to the farmer’s mind.
  • He Thought “If the magic goose lays one Golden egg everyday, how many Golden eggs will be inside his stomach ?
  • If I cut and open his stomach, I will become still rich in a single day.
  • He killed the goose, cut and open his stomach. But, he found no egg inside his stomach.
  • So because of his greed, he lost his magic goose and the Golden eggs.

Moral of the story is “Greed is the root cause of miseries.”

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THE POOR FARMER AND THE MAGIC GOOSE

एक गरीब किसान और जादुई हंस की कहानी …

  • एक समय की बात है, रामपुर गांव में रामदास नाम का एक गरीब किसान रहता था।
  • उनका परिवार बहुत गरीबी में रहता था। रामदास को अपनी हालत पर बहुत दुःख हुआ।
  • एक दिन, उसे एक जादुई हंस का वरदान मिला।
  • हंसिया प्रतिदिन एक सोने का अंडा देती थी।
  • किसान ने सोने का अंडा बेचा और अपने परिवार के लिए चीज़ें खरीदीं। देखते ही देखते वे कुछ ही दिनों में बहुत अमीर हो गये।
  • अचानक किसान के मन में एक बहुत ही दुष्ट विचार आया।
  • उसने सोचा, “यदि जादुई हंसिया प्रतिदिन एक सोने का अंडा देती है, तो उसके पेट में कितने सोने के अंडे होंगे?”
  • अगर मैं उसका पेट काट कर खोल दूं तो भी मैं एक ही दिन में अमीर बन जाऊंगा.
  • उसने हंस को मार डाला, उसका पेट काट कर खोल दिया। लेकिन, उसके पेट में अंडा नहीं मिला।
  • इसलिए अपने लालच के कारण उसने अपनी जादुई हंस और सोने के अंडे खो दिये।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है की  “लालच दुखों का मूल कारण है।”

 

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