Dear children…. today we have going to tell you a short story named as “The wolf in sheepskin”. Read it carefully…
The wolf in sheepskin…
The wolf in sheepskin…
- Once upon a time in a small village, A wolf was walking in this village side.
- He found a sheepskin spread on the ground.
- He thought, ” I wear this skin and get mixed up in a flock. The shepherd will not suspect me. At night, I will kill a stout sheep and then take him away with me.”
- The wolf covered himself with the sheepskin and get mixed up with a flock of sheep.
- As he had a feast that night. He sent a servant to fetch a fat sheep.
- The servant saw the sheepskin covered wolf by chance and that night, the guests had the wolf for supper.
The moral of this story is ” EVIL THOUGHTS HAVE EVIL ENDS.”
The wolf in sheepskin… moral stories 2024.
भेड़ की खाल में भेड़िया…
प्यारे बच्चों…
आज हम आपको एक छोटी सी कहानी बताने जा रहे हैं ”
इसे ध्यान से पढ़ें…
भेड़ की खाल में भेड़िया…
- एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक भेड़िया गाँव की तरफ घूम रहा था। उसे ज़मीन पर भेड़ की खाल फैली हुई मिली।
- उसने सोचा, “मैं यह खाल पहनकर झुंड में मिल जाता हूँ। चरवाहे को मुझ पर शक नहीं होगा। रात को मैं एक हृष्ट-पुष्ट भेड़ को मार डालूँगा और फिर उसे अपने साथ ले जाऊँगा।”
- भेड़िये ने खुद को भेड़ की खाल से ढक लिया और भेड़ों के झुंड में समा गया।
- चूँकि उस रात उसकी दावत थी। उसने एक नौकर को एक मोटी भेड़ लाने के लिए भेजा।
- नौकर ने संयोग से भेड़ की खाल से ढके भेड़िये को देखा और उस रात, मेहमानों ने रात के खाने में भेड़िये को खाया।
इस कहानी का उपदेश है “बुरे विचारों का अंत बुरा होता है।”