Dear children…
Today we have going to tell you a short story named as ”The two Pots”.
Read it carefully…
The two pots…
The two pots…
- Once it was a cyclonic season. There was flood everywhere.
- Many houses drowned in the flood.
- There was a copper pot and an earthen pot in a house.
- Both these were washed away in the flood to a river.
- The copper pot called the earthen pot and said, ” My friend, you are made of mud. Your are so weak.
- Please, come near me. I’ll save you.”
- The earthen pot replied, ” Thank you for your kindness, my friend.
- But, let me swim to the bank by myself.”
- The earthen pot began to swim towards the bank of the river.
- As the copper pot tried to swim, water got filled into the pot and the copper pot drowned.
- But earthen pot reached the bank safely.
Moral of the story is “weakness is not in appearance”
दो बर्तन…
प्यारे बच्चों…
आज हम आपको एक छोटी सी कहानी बताने जा रहे हैं ”
इसे ध्यान से पढ़ें…
- एक बार चक्रवाती मौसम था। हर तरफ बाढ़ आ गई।
- बाढ़ में कई घर डूब गये।
- एक घर में एक तांबे का और एक मिट्टी का घड़ा था।
- ये दोनों एक नदी में आई बाढ़ में बह गए।
- तांबे के बर्तन ने मिट्टी के बर्तन को बुलाया और कहा, “मेरे दोस्त, तुम मिट्टी से बने हो। तुम बहुत कमजोर हो।
- कृपया, मेरे पास आओ. मैं तुम्हें बचा लूंगा।”
- मिट्टी के बर्तन ने उत्तर दिया, “आपकी दयालुता के लिए धन्यवाद, मेरे दोस्त।
- लेकिन, मुझे अकेले तैरकर किनारे तक जाने दो।”
- मिट्टी का बर्तन नदी के किनारे की ओर तैरने लगा।
- जैसे ही तांबे के बर्तन ने तैरने की कोशिश की, पानी बर्तन में भर गया और तांबे का बर्तन डूब गया।
- लेकिन मिट्टी का घड़ा किनारे तक सुरक्षित पहुंच गया।
इस कहानी से हमें यह बोध होता है की “कमजोरी दिखने में नहीं होती
The two Pots… Moral stories 2024