Defeat is the result of our wrong process. Don’t fight, wake up! 2024
लड़ो मत, जागो !
लड़ो मत, जागो !
- पराजय हमारी गलत प्रक्रिया का परिणाम है।
- जो मन को जाग कर देखता है उसका मन बिदा हो जाता है।
- जागे कि मन गया। जिस मात्रा में जागे, उस मात्रा में मन गया।
- तुम अगर 10% जागे हो तो 90% मन होगा।
- 90% जाग गए तो 10% मन होगा।
- और तुम यदि 99% जाग गए तो 1% मन होगा।
- और तुम अगर 100% जाग गए तो मन 0% हो जाएगा।
- और तब एक अपूर्व घटना घटती है। जैसे शरीर में एक प्रसाद छा जाता है, ऐसा ही मन में एक अपूर्व आल्हाद, अकारण आनंद–कोई कारण नहीं, कोई वजह नहीं, कोई हेतु नहीं, कोई लक्ष्य नहीं– बस अकारण झरने फूटने लगते हैं, आनंद की रसधार बहने लगती है !
- और जब मन में यह घटना घट जाए तो फिर तीसरा कदम बाकी रह गया, जो सर्वाधिक सूक्ष्म है–वह है ह्रदय की भावनाओं के प्रति सजगता। वह सबसे सूक्ष्मातिसूक्ष्म हमारा जगत है।
- भाव विचार से भी गहरे हैं और विचार से भी नाजुक भी। फिर आखरी प्रयोग रह जाता है; अपनी भावनाओं को देखना।
- विचार पर जो जीत गया वह भावनाओं पर भी जीत जाएगा। तैरना आ गया तो अब क्या फर्क पड़ता है उथले में तैरे कि गहरे में तैरे। भावना का जगत सर्वाधिक गहरा है।
- जब भावनाओं के प्रति जागोगे, जिस मात्रा में जागोगे उस मात्रा में भावनाएं भी विदा हो जाएंगी।
- और जब सारी भावनाएं विदा हो जाती हैं तो उस अपूर्व घटना की घड़ी आ गई जब ऋषियों ने कहा है: रसो वै सः ! रस आखरी परिभाषा है परमात्मा की। परमात्मा रसरूप है।
- ये तीन कदम अगर उठ गए तो फिर चौथा कदम परमात्मा को उठाना पड़ता है।
- यह पूरा अस्तित्व तुम्हारे सहयोग में खड़ा हो जाता है।
- समाधि के मेघ घिर जाते हैं। तब जीवन में जीत है। इसके पहले तो हार ही हार है।
- Don’t fight, wake up!
Don’t fight, wake up!
- Defeat is the result of our wrong process.
- One who watches the mind awake, his mind disappears.
- I felt like waking up. To the extent that one became awake, the mind went to that extent.
- If you are ten percent awake then your mind will be ninety percent.
- If you are ninety percent awake, your mind will be ten percent.
- And if you are ninety-nine percent awake, you will have one percent mind.
- And if you become hundred percent awake, your mind will become zero percent.
- And then an extraordinary event happens. Just as a Prasad fills the body, similarly in the mind there is an extraordinary joy, causeless joy – no cause, no reason, no motive, no goal – just causeless springs start bursting, the juice of joy starts flowing. Is !
- And when this incident happens in the mind, then the third step remains, which is the most subtle – that is to be aware of the feelings of the heart. That most microscopic world is ours.
- Emotions are deeper than thoughts and also more delicate than thoughts. Then the last experiment remains; Looking at your feelings.
- The one who wins over thoughts will win over emotions also. Once you know how to swim, what difference does it make whether you swim in the shallows or the deep? The world of emotions is the deepest.
- When you become aware of emotions, to the extent you become aware, emotions will also disappear.
- And when all the emotions go away, then comes the moment of that wonderful event when the sages have said: Raso Vaisa Saah! Rasa is the last definition of God. God is the form of juice.
- If these three steps are taken then God has to take the fourth step.
- This entire existence stands in support of you.
- The clouds of Samadhi surround. Then there is victory in life. Before this, defeat is defeat.
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