Dear children…
Today we have going to tell you a short story named as ”Devil in disguise as a saint“.
Read it carefully…
Devil in disguise as a saint
Dear children…
Today we have going to tell you a short story ”
Read it carefully…
Devil in disguise as a saint
- One old tiger lived in a forest. He could not hunt animals as he used to do when he was young.
- It was becoming difficult to get prey.
- The tiger thought, ” I have lost my strength and speed of my youth. Unless I find some trick, I will starve to death.”
- After long thoughts, the tiger struck upon a plan.
- He began to keep on saying ” I am very old. I have turned into a vegetarian”, I have become a sanyasi”, ” I will not hunt animals” an so on.
- Words of These old tiger spread in the jungle.
- Innocent animals came to pay respect to the tiger thinking that the tiger had turned into a saint.
- The tiger pounced on animals as and when they came to his cave.
- These words fell in the ears of a fox.
- The fox began to think, ” Can a tiger become a saint?”
- He was eager to find the truth.
- Stealthily, the fox approached the tiger’s cave.
- He minutely and carefully examined the foot prints of animal.
- He fond all foot prints going towards the cave but not returning from the cave.
- He declared throughout the forest that ” The tiger is a cheat. Don’t go to the cave”
- The tiger had to starve ton death.
Moral of the story is “Satanic words are not to be believed.”
प्यारे बच्चों…
आज हम आपको एक छोटी सी कहानी बताने जा रहे हैं ”
इसे ध्यान से पढ़ें…
साधु के भेष में शैतानं
- एक जंगल में एक बूढ़ा बाघ रहता था। वह जानवरों का शिकार नहीं कर सकता था जैसा कि वह बचपन में करता था।
- शिकार मिलना मुश्किल हो रहा था।
- बाघ ने सोचा, “मैंने अपनी जवानी की ताकत और गति खो दी है। जब तक मुझे कोई तरकीब नहीं मिली, मैं भूखा मर जाऊंगा।”
- काफी देर तक सोचने के बाद बाघ को एक योजना सूझी।
- वह कहने लगा, “मैं बहुत बूढ़ा हो गया हूं। मैं शाकाहारी बन गया हूं”, मैं संन्यासी बन गया हूं”, “मैं जानवरों का शिकार नहीं करूंगा।”
- बूढ़े बाघ की यह बातें जंगल में फैल गईं।
- मासूम जानवर यह सोचकर बाघ को सम्मान देने आए कि बाघ एक संत बन गया है।
- जैसे ही जानवर उसकी गुफा के पास आते, बाघ उन पर झपट पड़ता।
- ये शब्द एक लोमड़ी के कान में पड़े।
- लोमड़ी सोचने लगी, “बाघ कैसे संत बन सकता है?”
- वह सत्य को खोजने के लिए उत्सुक थी।
- लोमड़ी चुपचाप बाघ की गुफा के पास पहुंची।
- उसने जानवर के पैरों के निशानों की सावधानी से जांच की।
- उसे गुफा की ओर जाने वाले लेकिन गुफा से वापस न लौटने वाले सभी पैरों के निशान उसने देखे और उसें पता चला की गुफा के अन्दर जाने वाले सभी जानवर बहार नहीं आते है।
- इसका मतलब बाघ कुछ जानवरों की अन्दर ही शिकार कर लेता है और उन्हें खा जाता है।
- उसने पूरे जंगल में घोषणा कर दी कि “बाघ धोखेबाज है। गुफा में मत जाओ।”
- बाघ को भूखा मरना पड़ा।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है की “शैतानी शब्दों पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए।”
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